લવ ઈઝ નોટ અ બ્લાઈડ - 1 Dhinal Ganvit द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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લવ ઈઝ નોટ અ બ્લાઈડ - 1

कहानी की प्रस्तावना

इस कहानी का हेतु किसी भी धर्म या जाति का उल्लघंन करने के लिए नही है। यह कहानी सच्ची घटनाओं के आधार पर है और लेखिका खुद अपनी कहानी बयान करती है। यह कहानी का उद्देश्य रोमांस, रोमांचक, मनोरंजन, करुणता,और कुछ सीख देने के हेतुसर प्रस्तुत की गई है। कहानी में पात्रों का नाम बदला गया है जिससे मेरी कहानी के घटना स्थल में मौजूद किसी भी व्यक्ति को ठेस न पहुंचे। आए कहानी शुरू करते है।

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कहानी की शुरुआत

एक खूबसूरत पंछी अपने घोंसले में से उड़ान भरने के लिए तैयार हो रहा था। वो पंछी की मा उसे समझा रही थी की जिंदगी के इस सफर में उड़ान भरनेवाले तुम पहले नही हो! तुम्हे भी कल उड़ना हैं और उड़ते दौरान ही तुम्हें अपना सफ़र तैय करना है। और जिंदगी के इसी सफ़र के दौरान तुम्हें अपना एक साथी पसंद करना होगा। क्योंकि वो साथी सिर्फ तुम्हारे लिए बना होगा। सिर्फ तुम्हारे लिए..! तुम जहां कहीं भी उड़ान भरोगे वह तुम्हारे साथ उड़ान भरेगा और मरते दम तक तुम्हारा साथ नहीं छोड़ेगा और तुम उसका नहीं छोड़ोगे।

वह खूबसूरत पंछी अपनी मां से पूछता है... कि मेरी जिंदगी के इस सफर के दौरान वह सिर्फ मेरे लिए ही आया है वह मैं कैसे समझ पाऊंगा? वह भी आप सब लोगों के बिना? तब पंछी की मां उसे बहुत अच्छा जवाब देते हुए कहती है कि जब भी तुम्हें लगे कि यही तुम्हारी उड़ान का साथी होना चाहिए तब चंदा मामा को देखना और देख कर मुस्कुराना। और अपने मन की बात सुनना। तुम्हारा मन जो भी कहे वही जिंदगी में करना। पंछी की मां उसे सुला देती है और वह भी सो जाती है। लेकिन उस पंछी को नींद लेने में दिलचस्पी कम हो जाती है। पंछी घोसले में से ही चंदा मामा को देखने लगता है और गहरी सोच में बैठा रहता है।
खूबसूरत पंछी का दिन चंदा मामा को देखते हुए बोल उठता है कि... चंदा मामा आप तो मेरे सफर के साथी हमेशा से रहे हो! लेकिन मेरी उड़ान का साथी मेरे जिंदगी में जो कोई भी हो उसे मेरे पास भेज दो। पंछी कहता है कि मेरा सफर अभी शुरू नहीं हुआ है लेकिन मैं सफर के साथी के साथ एक बार जीना चाहता हूं। पंछी जिंदगी में अपने साथी के साथ उड़ान भरना चाहता था।

मेरे सपने भी कुछ इस पंछी के जैसे ही है। अपने साथी के साथ एक लम्हा जीने की मजा और उस लम्हे में अगर मेरा जी भर जाए तो उसी के साथ पूरी जिंदगी बिता देना।
ना जाने वह पंछी कौन होगा? क्या करता होगा? कैसा होगा ? मेरे जैसा है या मुझसे पूरा अलग! ज़िंदगी को लेकर उसके सपने कैसे होगे? मेरे जैसे ही या फिर मुझसे अलग! चाहे वह जो कोई भी हो... मेरे सफर के साथी को पहचान कर उसके साथ में उड़ान भरना चाहते हु। उसके आत्मा में मैं एक बार समाना चाहती हूं। दुनिया से दूर उसके साथ उड़ान बनन चाहती हू। उसकी सांसे बनकर जीना है मुझे। ए मेरे ईश्वर मेरे सफर के इस साथी को मेरे पास जल्द से जल्द भेज दो ऐसी ख्वाहिश मेरी चंदा मामा से है...! और यह पूरी जरूर होगी यह मेरी रोम का संकेत है..।

लेकिन खूबसूरत पंछी ने अभी दुनिया देखे ही नहीं थी। वह जितना खूबसूरत इस दुनिया में सोच रहा था शायद वह उसे दुनिया में मिल भी जाए लेकिन जिंदगी में एक पल ऐसा जरूर आता है जहां हम कुछ नहीं सोच पाते हैं और बिना सोचे समझे हम अपना फैसला दुनिया के सामने रख देते हैं। शायद हमारा यही फैसला हमें खुशी और गम दोनों समय समय पर आकर दे रहा हो... लेकिन यह निर्भर हमारे पर करता है कि हम उस फैसले को किस सोच के साथ चलकर जिंदगी में आगे बढ़ते हैं।

मैं और मेरे सभी दोस्त अभी पढ़ाई से कुछ समय के लिए फ्री हो गए थे। क्योंकि इस वक्त में दुनिया का सबसे बुरा वक्त चल रहा था। जो था...कोरोना टाइम! ना जाने कब यह लोग डाउन खत्म होगा? कहीं पर भी घूमने फिरने की परमिशन नहीं मिल रही थी।

लॉकडाउन से पहले अगर कुछ दिनों की बात बताऊं तो मेरी बारवी क्लास की बोर्ड एग्जाम खत्म ही हुई थी और करीब 1 हफ्ते के अंदर लॉक डाउन हो गया। मानव किसी पंछी को एक पिंजरे से निकाल कर उसे दूसरे पिंजरे में रखा गया हो। पर मानो इस लॉकडाउन से मुझ पर कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ा था। क्योंकि में और मेरे सोसाइटी के दोस्त एक दूसरे के साथ मिलकर वक्त बिताया करते थे। नॉर्मल दिनों में दोस्तों के साथ एक बार मिलना होता था। लेकिन लॉकडाउन के इन दिनों में पूरा दोपहर और रात के 12:00 बजे तक मिलना होता था। मेरे सोसायटी के सभी दोस्त बहुत अच्छे हैं। किसी की भी मदद करने के लिए कोई संकोच नहीं करता है और एक दूसरे की मस्ती उड़ाने में भी हर दोस्त कोई कसर नहीं छोड़ता था।

मेरे जिंदगी में मानो दिन हर रोज ढलता है हर रात शांति से और सुकून नियत के साथ गुजरती है। बस जिंदगी में इंतजार है तो एक ही चीज का... एक ऐसा पंछी जो सिर्फ मेरे लिए बना हो। एक ऐसा पंछी जो मेरे लिए जीना जानता हो। एक ऐसा पक्षी जिसके लिए मैं सब कुछ करने पर तत्पर हूं। एक ऐसा पंछी जिसका ख्याल आते ही मेरे चेहरे पर खुशी आ जाए। एक ऐसा पक्षी जिसके साथ में अपना सफर तय करना चाहूं।


कहानी के अगला भाग आने तक सोचिए केसा होगा मेरे सफर का साथी?
Thank You

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